प्रथम रश्मि के पड़ते ही मैंने माँगा था अमृत अबोध, असहाय, निर्बल को जननी ने दिया था…
मन के मरूस्थल में चलता है सपनों का कारवाँ साथ-साथ चलता है समय के पहिये साथ-साथ चलता…
स्त्री विमर्श पर आप सभी मित्रों को समर्पित मेरी रचना— आदम और हौवा मनु और श्रद्धा साथ-साथ…
सजन हो! हमके मोबाइल मंगा द बलम हो हमके मोबाइल मंगा द। यू ट्युब देख के खाना…